फरीदाबाद। हरियाणा विधानसभा सत्र में सरकार द्वारा लाए गए राइट टू रिकॉल और रोजगार आरक्षण बिल को लेकर विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए इन बिलों का जनविरोधी करार देते हुए इनका विरोध करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में तिगांव विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ललित नागर ने राइट टू रिकॉल बिल पर कड़ा विरोध जताते हुए इसे सरपंचों व गांवों के विकास के खिलाफ बताया है।
Hammer on interests of youth in employment reservation: Lalit Nagar
Faridabad. Opposition parties have started opposing these bills as anti-people by opening a front against the BJP government on the Right to Recall and Employment Reservation Bill brought by the government in the Haryana Vidhan Sabha session. In this episode, former MLA and senior Congress leader Lalit Nagar of Tigaon assembly constituency has expressed strong opposition to the Right to Recall bill, against the development of sarpanches and villages.
नागर शनिवार को सेक्टर-17 स्थित अपने निवास पर क्षेत्र से आए ग्रामीणों से बातचीत कर रहे थे।
ललित नागर ने कहा कि अगर सरकार को इस बिल को लागू करना ही था, तो पहले सांसदों व विधायकों पर इसे लागू करते, उसके बाद ही इसे सरपंचों पर लागू किया जाना चाहिए था, क्योंकि इस बिल के आने से जहां विकास कार्य ठप्प हो जाएंगे। वहीं गांवों में धड़ेबंदी को बढ़ावा मिलेगा और सामाजिक ताना-बाना भी टूटेगा।
उन्होंने कहा कि अगर गांवों में बार-बार चुनाव हुए, तो आर्थिक के साथ सामाजिक समस्याएं भी खड़ी होगी, जो कि लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरपंच गांवों के विकास की एक कड़ी होता है परंतु इस बिल के आने से अब सरपंचों के अधिकार पूरी तरह से छीन जाएंगे और गांवों का विकास भी प्रभावित होगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार अनाप-शनाप बिल पास करके प्रदेश में भाईचारे की भावना को बिगाडने का काम कर रही है, जिसे किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।
पूर्व विधायक नागर ने रोजगार आरक्षण बिल में संशोधन करने की मांग करते हुए कहा कि इस बिल में जिलास्तर के युवाओं की भागेदारी को 10 प्रतिशत रखा गया है, वह पूरी तरह से उनके साथ अन्याय है, इसलिए सरकार को इसमें जिलास्तर के युवाओं की भागेदारी को बढ़ाना चाहिए, क्योंकि फरीदाबाद में स्थापित बड़ी व छोटी औद्योगिक इकाईयों में अब जिले के युवाओं को तो केवल 10 प्रतिशत रोजगार मिलेगा, जबकि अन्य जिलों के युवाओं को 75 प्रतिशत रोजगार मिलेगा, जो पूरी तरह से गलत है। इससे जहां जिले में बेरोजगारी बढ़ेगी, वहीं होनहार युवाओं के अधिकार भी छिन जाएंगे।
उन्होंने कहा कि फरीदाबाद औद्योगिक नगरी है और इसे औद्योगिक नगरी बनाने में यहां के लोगों ने न केवल अपनी जमीनें दी हैं, बल्कि यहां चल रहे उद्योगों से निकलने वाला दूषित प्रदूषण, दूषित पानी व तमाम तरह की बीमारियां सहन कर रहे हैं। इसके बावजूद अगर यहां के युवाओं को रोजगार देने के बजाय दूसरे जिलों के युवाओं को रोजगार दिया जाएगा, तो यह सीधे तौर पर यहां के लोगों के साथ अन्याय होगा।
उन्होंने कहा कि बैसाखियों पर चल रही मनोहर सरकार जननायक जनता पार्टी के दबाव में आकर इस प्रकार के जनविरोधी बिल पास कर रही है, जिसका कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से विरोध करती है।
उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग करते हुए कहा कि वह इन दोनों बिलों में संशोधन करें, अगर ऐसा नहीं किया गया तो कांग्रेस पार्टी प्रदेश के लोगों के हकों के लिए सड़क से लेकर विधानसभा तक संघर्ष करने से गुरेज नहीं करेगी।